बाबा दीप सिंह जी सेवा संगठन एक विनम्र सेवा प्रयास है, जो संगत की प्रेरणा, गुरु की कृपा और समाज की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ता है। इसकी शुरुआत 13 साल पहले, गजेंद्र सिंह राहुल जी द्वारा कुछ छोटे कीर्तन और संगत से हुई थी। धीरे-धीरे यह प्रयास संगत की आस्था और समर्थन से विस्तृत होता गया।
बाबा दीप सिंह का जन्म 26 जनवरी 1682 को एक संधू जाट सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता भगता एक किसान थे और उनकी माँ जियोनी थीं। वे अमृतसर जिले के पहुविंड गाँव में रहते थे। वे 1700 में बेसाखी के दिन आनंदपुर साहिब गए , जहाँ उन्हें गुरु गोबिंद सिंह ने अमृत संचार कराकर खालसे की दीक्षा दी।युवा अवस्था में बाबा दीप सिंह ने गुरु गोबिंद सिंह के साथ काफी समय बिताया और हथियार चलाना, घुड़सवारी और अन्य मार्शल कौशल सीखे। भाई मणि सिंह से उन्होंने गुरुमुखी पढ़ना और लिखना और गुरुओं के शब्दों की व्याख्या करना सीखा । आनंदपुर में दो साल बिताने के बाद, वे 1702 में अपने गाँव लौट आए, इससे पहले कि उन्हें 1705 में तलवंडी साबो में गुरु गोबिंद सिंह ने बुलाया , जहाँ उन्होंने भाई मणि सिंह को धर्मग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की प्रतियां बनाने में मदद की।
बाबा दीप सिंह दमदमी टकसाल के भी प्रमुख थे
बाबा दीप सिंह जी ने अपने जीवन मे चार युद्ध लड़े
1.साढौरा का युद्ध (1710)
2.छप्पर चिरी का युद्ध (1710)
3.सरहिद की घेराबंदी (1710)
4.अमृतसर की लड़ाई (1757)
बाबा दीप सिंह जी ने अफगान सेना द्वारा स्वर्ण मंदिर के अपमान का बदला लेने की कसम खाई थी । सन् 1757 में, उन्होंने स्वर्ण मंदिर की रक्षा के लिए एक सेना का नेतृत्व किया। 13 नवंबर 1757 को अमृतसर की लड़ाई में सिखों और अफगानों के बीच संघर्ष हुआ, और भीषण युद्ध में बाबा दीप सिंह का सिर काट दिया गया। इस वार के बाद बाबा दीप सिंह जमीन पर गिर तभी एक सिख ने बाबा दीप सिंह को उनका संकल्प याद दिलाया, ” सिख की बात सुनकर, उन्होंने अपने बाएं हाथ से अपना सिर पकड़ लिया और अपने दाहिने हाथ से 15 किलो (33 पाउंड) के खंडा के वार से दुश्मनों को अपने रास्ते से हटाते हुए , हरमंदिर साहिब की परिधि तक पहुँच गए जहाँ उन्होंने अंतिम सांस ली। सिंहों ने हरमंदिर साहिब में 1757 ई. का बंदी-सोर दिवस मनाया।
सिखों ने अफगान सेना को हराकर अपनी प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त की और अफगान सेना को भागने पर मजबूर होना पड़ा।
जिस स्थान पर बाबा दीप सिंह का सिर गिरा था, उसे स्वर्ण मंदिर परिसर में चिह्नित किया गया है, और दुनिया भर से सिख वहां अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। बाबा दीप सिंह का खंडा (दोधारी तलवार), जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपनी अंतिम लड़ाई में किया था, अभी भी अकाल तख्त में सुरक्षित है।
बाबा दीप सिंह दल वर्तमान मे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सरूप लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है जिसमे दल को बिजनौर की कई गुरुद्वारा कमेटियों ने गुरु महराज साहिब के सरूप की सेवा को कहा है उन सभी गुरुद्वारो मे दल के माध्यम से महाराज साहिब के सरूप की सेवा नि: शुल्क की जायेगी।
और साथ ही जब अमृतसर से गुरु महराज साहिब के सभी सरूप लाये जायेंगे तो उनका जिले मे पुरे आदर सत्कार के साथ स्वागत किया जायेगा।
इस सेवा मे जो भी वाहन/आदर सत्कार की सेवा मे जो भी खर्च होगा वह दल के साथ मिलकर समाज के निस्वार्थ सेवादार सरदार महेंद्र सिंह गुटई जी द्वारा किया जायेगा।
बाबा दीप सिंह सेवा दल ने आने वाले वर्ष 2026 के लिए भी तेयारिया शुरू कर दी है जिसमे बीती 2 फरवरी से गुरुद्वारा रोशनपुर जागीर मे सहज पाठ लडीवार शुरू हो गए है जिसकी समाप्ति 14 जनवरी 2026 को हो जायेगी।
14 जनवरी से 5 अखंड पाठ साहिब लडीवार चलेंगे जिनकी समाप्ति 24 जनवरी को की जायेगी
25 जनवरी 2026 को ग्राम रोशनपुर जागीर और हसूपुरा मे भव्य अलौकिक प्रभातफेरी निकाली जायेगी जिसमे पंजाब से दल पंथ/जत्थेबंदिया एवं श्री हजूर साहिब नांदेड से विशेष तौर से महाराज साहिब के वंशज वाले 5 घोड़े लाये जायेंगे। और पूरे हर्षोल्लास के साथ यह प्रभातफेरी निकाली जायेगी।
और 27 जनवरी 2026 को ग्राम रोशनपुर जागीर (बिजनौर) भव्य समागम मनाया जायेगा जिसमें पंथ की महान शख़्सियत पहुचेंगे।
👉आप आने वाले 2026 के समागम तन मन धन से सहयोग करके बाबा दीप सिंह जी की खुशियाँ प्राप्त करो जी….
सेवाएं:- संपूर्ण लंगर की सेवा, टेंट की सेवा, स्टेज की सेवा, फूल की सेवा, साउंड की सेवा, लाइट की सेवा, अखाड़ो की सेवा, हजूर साहिब से जो घोड़े आयेंगे उनकी सेवा
आप दी गयी कोई भी सेवा या अपने दसवंत से कुछ भी नकद सेवा वेबसाइट के माध्यम से कर सकते हो जिससे आने वाले 2026 मे बाबा दीप सिंह जी प्रकाश पर्व पर समागम चड्दिकला के साथ मनाया जा सके
सिख धर्म में सेवा (Seva) का बहुत महत्व है, और इसे निस्वार्थ सेवा के रूप में देखा जाता है, जिसका अर्थ है बिना किसी व्यक्तिगत लाभ की इच्छा के दूसरों की मदद करना. सिख धर्म में, सेवा को आध्यात्मिक प्राप्ति और ईश्वर के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण मार्ग माना जाता है।
क्योंकि गुरुओं ने हमेशा सेवा करने और दूसरों की मदद करने पर जोर दिया है।
सेवा, समुदाय में सद्भाव और एकता को बढ़ावा देती है।
और संगत को गुरबानी से जोड़ना यह भी बहुत बड़ा पुण्य का कार्य है।
बाबा दीप सिंह सेवा दल की इस वेबसाइट के माध्यम से आप अपना नाम/पता/फोन न. आदि भरकर दल के UPI स्केनर पर अपनी सेवा भेजकर, उसका स्क्रीन शॉट का फोटो इस वेबसाइट के माध्यम से सबमिट कर सकते है, कुछ समय बाद आपकी सेवा स्वत: ही वेबसाइट पर दिखने लगेगी
जिससे कोई भी व्यक्ति इस वेबसाइट के माध्यम सब कुछ देख सकता है दल के पास किसकी क्या सेवा प्राप्त हुई है।
हमारा प्रयास दल और संगत के बीच बिल्कुल पारदर्शिता के साथ रहे यही उद्देश्य है।
बाबा दीप सिंह जी सेवा संगठन एक विनम्र सेवा प्रयास है, जो संगत की प्रेरणा, गुरु की कृपा और समाज की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ता है। इसकी शुरुआत 13 साल पहले, गजेंद्र सिंह राहुल जी द्वारा कुछ छोटे कीर्तन और संगत से हुई थी। धीरे-धीरे यह प्रयास संगत की आस्था और समर्थन से विस्तृत होता गया।
2022 में, इस सेवा को स्थायित्व मिला और हर वर्ष 24 से 27 जनवरी को भव्य कीर्तन दरबार का आयोजन होने लगा। इससे जो भी आर्थिक सहायता मिली, वह पूरी तरह से गुरुद्वारा रोशनपुर जागीर के पुनर्निर्माण में और समाजसेवा में समर्पित की गई। 2025 में उत्तर प्रदेश भर से लगभग 15,000 संगत एकत्र हुई, जिसमें संत रणजीत सिंह ढडरिया का भी सान्निध्य प्राप्त हुआ। यह हमारे लिए एक प्रेरणादायक क्षण था। यह अनुभव हमें यह विश्वास दिलाता है कि यह प्रयास अब केवल कुछ लोगों का नहीं, पूरे समाज का है।
हमारे प्रयासों में विवाह सहायता, शिक्षा, लंगर सेवा, और चिकित्सा भी शामिल हैं और यह सब केवल संगत की भावना और सहयोग से संभव हो पाया है।
हम किसी से कुछ माँगते नहीं। जो भी कुछ होता है, वह गुरु की रहमत और आप जैसे श्रद्धालुओं की सेवा भावना से ही होता है।
"हम गुरु के चरणों में यह प्रार्थना करते हैं कि यह सेवा सतत चलती रहे, और हम सभी इसी तरह एक-दूसरे के लिए रोशनी बन सकें।"
ये हमारे प्रेरणास्त्रोत हैं। इनके मार्गदर्शन और सहयोग से ही हम आज सेवा के इस कार्य को निरंतर आगे बढ़ा पा रहे हैं।
जो सेवा से जुड़ता है, वही प्रभु से जुड़ता है।
अगर आप मुश्किल में हैं और कहीं से मदद नहीं मिल रही, तो निःसंकोच हमसे संपर्क करें
अपनी परेशानी हमें बताएं, हमारी टीम जल्द से जल्द आपकी सहायता करेगी।